भारत की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख की मनाई गई जयंती..
देश के अपेक्षित वंचित व शोषित समाज के पहली ऐसी महिला फातिमा शेख थी, जिन्होंने सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर काम किया। और दलित एवं मुस्लिम महिला समाज एवं बच्चों में शिक्षा की ज्योति जलाने में अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया.
कैमूर टॉप न्यूज़, भभुआ: जिले के मोहनिया शहर के चांदनी चौक पर स्थित अंबेडकर प्रतिमा के समीप डॉक्टर बी आर अंबेडकर न्यास परिषद के तत्वाधान में देश की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख की जयंती मनाई गई।जयंती कार्यक्रम में सभी दल के नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए.इस दौरान वक्ताओं ने फातिमा शेख के जीवन संघर्ष के बारे में अपने-अपने शब्दों में प्रकाश डाला।कहा कि देश के अपेक्षित वंचित व शोषित समाज के पहली ऐसी महिला फातिमा शेख थी, जिन्होंने सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर काम किया। और दलित एवं मुस्लिम महिला समाज एवं बच्चों में शिक्षा की ज्योति जलाने में अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया।फातिमा शेख का जन्म 9 जनवरी 1831 को पुणे के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था।
कहां की सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख ने साथ मिलकर दलित मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के उन समुदायों को शिक्षित करने का प्रयास किया.इस योगदान के लिए फातिमा शेख को आधुनिक भारत की पहली महिला मुस्लिम शिक्षक कहा जाता है और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा याद किया जाता रहेगा.कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष नगीना राम एवं संचालन अर्जुन राम ने किया।मौके पर बसपा नगर अध्यक्ष अलाउद्दीन शाह, भाजपा पूर्व विधायक निरंजन राम, पूर्व जिला परिषद सदस्य खुर्शीद अकरम असलम,समाजसेवी मासूक खान विद्योत्मा देवी आदि मौजूद रहे।
मौके पर जुटे लोग |
कहां की सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख ने साथ मिलकर दलित मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के उन समुदायों को शिक्षित करने का प्रयास किया.इस योगदान के लिए फातिमा शेख को आधुनिक भारत की पहली महिला मुस्लिम शिक्षक कहा जाता है और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा याद किया जाता रहेगा.कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष नगीना राम एवं संचालन अर्जुन राम ने किया।मौके पर बसपा नगर अध्यक्ष अलाउद्दीन शाह, भाजपा पूर्व विधायक निरंजन राम, पूर्व जिला परिषद सदस्य खुर्शीद अकरम असलम,समाजसेवी मासूक खान विद्योत्मा देवी आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट : मुबारक अली
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