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Kaimur Top News : धार्मिक स्थलों का कब होगा विकास



कैमूर टॉप न्यूज़,कैमूर: कैमूर जिला ऐतिहासिक धरोहरों को संजोए है. यहां धार्मिक स्थलों की कमी नहीं है. जिले के लगभग सभी प्रखंड में ऐसे धार्मिक स्थल है, जहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है. आज भी इन धार्मिक स्थलों को विकास का इंतजार है. यह एक बड़ा मुद्दा है, जिस पर जनप्रतिनिधियों से भी सवाल पूछे जाएंगे.धार्मिक स्थलों के विकास के लिए जो भी कार्य अब तक हुए वे समितियों के प्रयास से हुए.सिर्फ मां मुंडेश्वरी धाम में विकास का खाका खींचा गया, लेकिन यहां कार्य आज भी अधूरा है.मां मुंडेश्वरी धाम में धार्मिक न्यास परिषद की ओर से अपने स्तर से कई कार्य कराए गए हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर कुछ कार्य आज भी लंबित है. यहां रोपवे का निर्माण अब तक शुरू नहीं हो सका.जबकि मां मुंडेश्वरी धाम में पूरे वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ होती है.यहां नवरात्र के समय में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन के पसीने छूट जाते हैं.जिले में मां मुंडेश्वरी धाम के अलावा अन्य किसी धार्मिक स्थलों का विकास आज तक सरकार के स्तर से नहीं हो सका.जिसका नतीजा है कि आज इन स्थलों की खाली पड़ी जमीन पर अतिक्रमण होते जा रहा है. जिसे हटवाने के लिए कोई पहल नहीं हो रही है.जिले के चैनपुर प्रखंड में हरसू ब्रह्म धाम व मां चंडेश्वरी धाम काफी चर्चित है. यहां मां मुंडेश्वरी धाम से भीड़ कम नहीं होती. यहां आज भी विकास का इंतजार है.इसके अलावा चांद प्रखंड में मां बखारी देवी भी शक्तिपीठ है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं, लेकिन इस मंदिर के विकास की कोई पहल नहीं की गई. जिले के दुर्गावती प्रखंड में मां कुलेश्वरी धाम शक्तिपीठ के रूप में शुमार है. यहां जाने के लिए अच्छी सड़क तक नहीं है.

 जिसके चलते श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिले के रामगढ़ प्रखंड में मां छेरावरी धाम है. जहां रामगढ़ प्रखंड के अलावा बक्सर व यूपी के श्रद्धालु काफी आस्था रखते हैं. खास मौके पर यहां काफी भीड़ होती है. इन धार्मिक स्थलों के अलावा जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित शिवालयों के विकास की भी कोई पहल नहीं की जा रही है.जबकि सावन महीने में इन शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए जिले के अलावा राज्य के दूसरे जिलों व अन्य प्रांतों के श्रद्धालु पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों की माने तो जिले में जितने भी धार्मिक स्थान हैं वहां यदि विकास किया जाए तो रोजगार के कई साधन उपलब्ध होंगे.साथ ही सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी.





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