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AI के जरिये भ्रम फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई, आयोग ने जारी की चेतावनी!

कैमूर जिला प्रशासन ने शुरू की सख्त निगरानी, फर्जी पोस्ट व वीडियो पर अब नहीं मिलेगी राहत


कैमूर टॉप न्यूज,भभुआ:
भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। आयोग ने साफ कहा है कि एआई टूल्स के जरिये किसी भी तरह की भ्रामक या फर्जी सामग्री का निर्माण व प्रसार गंभीर अपराध माना जाएगा।

निर्देश में बताया गया है कि कुछ राजनीतिक दल और प्रत्याशी प्रचार के दौरान AI आधारित तकनीक से नकली वीडियो, ऑडियो, फोटो या भाषण बनाकर मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे मामलों पर अब चुनाव आयोग की विशेष नजर रहेगी। किसी भी प्रकार की फेक या मॉर्फ्ड एआई सामग्री साझा करने पर आचार संहिता और साइबर कानूनों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जिला प्रशासन, कैमूर ने भारत निर्वाचन आयोग के इन निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से कहा है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक कंटेंट फैलाने वालों पर जिला स्तर पर गठित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल सख्त कार्रवाई करेगी। यह टीम 24 घंटे फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हाट्सएप ग्रुप्स की निगरानी करेगी।

जिला प्रशासन ने सभी राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपने प्रचार कार्यों में तकनीक का प्रयोग जिम्मेदारीपूर्वक करें। किसी भी संदिग्ध या भ्रामक पोस्ट को साझा करने से पहले उसकी सच्चाई की पुष्टि करें।

जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती पारदर्शिता में निहित है। भारत निर्वाचन आयोग की यह पहल मतदाताओं के बीच सटीक और निष्पक्ष सूचना पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एआई के गलत उपयोग को रोककर ही स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं।







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