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किसानों को यूरिया व डीएपी उर्वरक की दिख रही है किल्लत,परेशान हैं किसान..

कैमूर टॉप न्यूज,नुआंव : प्रखंड सहित अन्य क्षेत्रों में रवि फसल की बुआई अंतिम चरण में है. किसानों को गेहूं बुआई के समय डीएपी की जरूरत पड़ती हैं, लेकिन बाजार में जबरदस्त किल्लत का सामना किसानों को करना पड़ रहा है.किसान महंगे दर पर प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र उतर प्रदेश से डीएपी लाकर गेहूं की बुआई कर रहे हैं या किये हैं. वही जिन किसानों के गेहू की बुआई पहले हुई है उनकी खेतो में गेहूं फसल की पटवन कर रहे हैं,पटवन के एक या दो दिन बाद ही किसानों को यूरिया की जरूरत होती है, लेकिन बाजार में किल्लत का सामना उन्हें करना पड़ रहा है.वही किल्लत को देखते हुए यूरिया की जबरदस्त ब्लैक मार्केटिंग किया जा रहा है.किसानों को 350या इससे अधिक दाम देकर प्रति बोरी यूरिया खरीदना पड़ रहा है. कृषि विभाग लापरवाह बना है या जानकर अनजान बना हुआ है.किसानों के द्वारा यूरिया की किल्लत के सवाल पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी कन्हैया प्रसाद कोई उचित ज़बाब नहीं दे पाते हैं.कुछ किसानों ने बताया प्रखंड के नुआंव व चन्देश बाजार के कुछ दुकानों पर यूरिया आई हुई थी.लेकिन यूरिया ऊंट के मुंह जीरा के समान देखते ही देखते तुरंत समाप्त हो गई।वही प्रखंड के सभी किसानों को बेचैनी है गेहूं की फसल का पटवन हो रहा है समय पर यूरिया नहीं मिलेगी तो फसल खराब होने की संभावना दिख रही है व उत्पादन भी कम मात्रा में होगी. किसानों की इस बिकट समस्या पर कृषि विभाग एवं प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रही है.इधर, किसान की समस्या को देखते हुए मजदूर किसान विकास मंच  बिहार द्वारा प्रखंड कार्यालय परिसर में बिगत कुछ दिन पहले एक दिवसीय धरना भी दिया गया था. लेकिन कोई उचित निर्णय नहीं निकला धरना का मुख्य उद्देश्य था कि नुआंव प्रखंड में प्रखंड निर्माण के करीब 25 साल गुजर जाने के बाद भी विश्वकमान भवन की स्थापना नहीं की गई जिसके चलते किसानों को महंगे दाम पर डीएपी यूरिया खरीदनी पड़ती है जिसका सबसे अधिक मुनाफा बिचौलियों को होता है.

कैमूर टॉप न्यूज के लिए नुआंव से दीपक कुमार

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