धान अधिप्राप्ति को लेकर जिला प्रशासन सख्त, डीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की अहम बैठक
कैमूर टॉप न्यूज,भभुआ (कैमूर):जिले में धान अधिप्राप्ति कार्य को पूरी तरह पारदर्शी, सुचारु और किसान हितैषी बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में धान अधिप्राप्ति जिला टास्क फोर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में धान खरीद से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं की बारीकी से समीक्षा की गई और संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिया गया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में सबसे पहले धान अधिप्राप्ति हेतु चयनित पैक्स एवं व्यापार मंडलों के चयन प्रक्रिया पर चर्चा की गई। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने जानकारी दी कि अब तक जिले में कुल 144 समितियों का चयन किया जा चुका है। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी चयनित समितियां सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का कड़ाई से पालन करें, ताकि किसानों को धान बिक्री के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों से सीधे और पारदर्शी तरीके से धान खरीद सुनिश्चित की जाए।
राइस मिलों के सत्यापन के मुद्दे पर बैठक में कड़ा रुख अपनाया गया। जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम द्वारा बताया गया कि जिले में निबंधित राइस मिलों का अब तक भौतिक एवं दस्तावेजी सत्यापन नहीं हो सका है। इस पर जिला पदाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बिना सत्यापन के धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती और इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई गंभीर मानी जाएगी।
बैठक में राइस मिलों की टैगिंग प्रक्रिया की भी समीक्षा की गई। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्राप्त मार्गदर्शिका के अनुरूप मिलों की टैगिंग शीघ्र पूरी की जाए, ताकि धान मिलिंग और चावल आपूर्ति की प्रक्रिया समय पर और निर्बाध रूप से संचालित हो सके। उन्होंने कहा कि टैगिंग में देरी से पूरी आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होती है, जिसका सीधा असर किसानों और सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर पड़ता है।
इसके साथ ही मिलों में एफआरके (FRK) की उपलब्धता पर भी विस्तार से चर्चा की गई। जिला पदाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि एफआरके की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जिससे धान उठाव और मिलिंग कार्य में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि तकनीकी या संसाधन संबंधी कमी का खामियाजा किसानों को नहीं भुगतना चाहिए।
बैठक में राइस मिलों को दी जा रही कैश-क्रेडिट सुविधा की स्थिति की समीक्षा की गई। जिला पदाधिकारी ने बैंक एवं विभागीय अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित कर सभी समस्याओं का त्वरित समाधान करने का निर्देश दिया, ताकि मिलिंग कार्य में वित्तीय अड़चनें न आएं।
अंत में जिला पदाधिकारी ने कहा कि धान अधिप्राप्ति कार्य में किसानों के हित सर्वोपरि हैं और जिला प्रशासन पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस अभियान को सफल बनाने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने सभी संबंधित पदाधिकारियों को नियमित रूप से प्रगति की समीक्षा करने और आपसी तालमेल के साथ काम करने का निर्देश दिया। जिला प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी, समयबद्ध और किसान हितैषी बनाया जाएगा, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर प्राप्त हो सके।



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