Kaimur Top News: कैमूर जिले मे शब-ए-बारात पर्व पर रोशनी से गुलजार रहे मस्जिद मजार व कब्रिस्तान...
कैमूर टॉप न्यूज़,कैमूर : कैमूर जिलेभर मे शब-ए-रात के मौके पर शनिवार सारी रात इबादत व फातिहा पढ़ने का सिलसिला चलता रहा शाम को लजीज हलवे बनाकर घरों में जहां फतिया दिलाई गई वहीं ईशा की नमाज के बाद लोगों कब्रगाहों व इबादतगाहों का रुख किया इस्लामी मांह शाबान की 15वी शब-ए-रात के नाम से जानी जाती है.जहां लोगों ने नफ्ली नमाजों तिलावते कलामपाक का एहतेमाम कर गुनाहों से तौबा की वहीं कब्रगाहों पर फातिहा पढ़कर दुनिया से रुख्सत हो चुके परिजनों व रिश्तेदारों के लिए दुआ-ए-खैर मांगी. इस क्रम में दुर्गावती,मोहनियां, रामगढ़, कुदरा,चांद,हाटा, भभूआ शहर सहित विभिन्न जगहों पर शब-ए-बारात त्यौहार पर मस्जिद मजार व कब्रिस्तानों मे शनिवार की शाम से ही भरपूर रोशनी से जगमगा उठा तथा मस्जिद ,मजार व कब्रिस्तानों में पहुंचकर शाम से ही मुस्लिम बंधुओं के द्वारा तिलावत और इबादत का दौर शुरू हो गया. जिससे उन जगहों पर पूरी रात गुलजार बना रहा. शब-ए-बारात को इस्लाम धर्म में इबादत की रात के तौर पर जाना जाता है शब-ए-बारात की रात इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक आठवें महीने की 15 वीं तारीख को आती है मुस्लिम विद्वानों के अनुसार इस रात को इबादत करने वाले लोगों के गुनाह माफ होते हैं.
इस रात में मुस्लिम घरों में तरह-तरह के पकवान जैसे हलवा ,बिरयानी,खुरमा,आदि बनाया जाता है. इबादत के बाद इसे गरीबों में तकसीम किया जाता है.मुस्लिम विद्वानों के अनुसार इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग अल्लाह की इबादत में रात गुजारते हैं.साथ ही शब-ए-बारात की रात मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग अपने गुनाहों की तौबा करते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक यह रात साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है इस्लाम में यह रात बेहद फजीलत की रात मानी जाती है. इस रात को मुस्लिम दुआएं मांगते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं शब-ए-बारात की सारी रात इबादत और तिलावत का दौर चलता है.इस रात अपने उन परिजनों जो दुनिया से रुख्सत हो चुके हैं, उनकी मगफिरत की दुआएं की जाती हैं.इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार यह रात पूर्व के समय में किए गए कर्मों का लेखा-जोखा तैयार करने और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली मानी जाती है.
इसलिए इस रात को शब-ए-बारात के तौर पर जाना जाता है वहीं फातिहा पढ़ने के लिए लोगों ने एक आस्ताने से दूसरे आस्ताने और एक कब्रिस्तान से दूसरे कब्रिस्तान तक आने व जाने का सिलसिला रात भर चलता रहा दुनिया से रुख्सत हो चुके अपने करीबी रिश्तेदारों परिजनों की कब्र पर गुलाबपोशी व शमा रोशन करने के बाद लोगों ने दुआ-ए- खैर मांगी. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिदों और मजारों पर पूरी रात इबादत की और अमन और चैन की दुआ मांगी इस अवसर पर जहां रात भर मजारों और कब्रिस्तानों पर फातिहा पढने का दौर चलता रहा वहीं घरों में कुरआन की तिलावत व इबादत होती रही.त्योहार के मद्देनजर कब्रिस्तानों की विशेष साफ सफाई करने के साथ ही प्रकाश का प्रबंध किया गया था. उधर शब-ए-बरात के मौके पर प्रखंड क्षेत्र के कई अलग अलग जगहों पर जलसे भी आयोजित हुए.
कैमूर टॉप न्यूज के लिए मुबारक अली की रिपोर्ट






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