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Kaimur Top News: मां कुलेश्वरी महोत्सव के दूसरे दिन कवि सम्मेलन में कवियों ने हास्य व्यंग की कविताओं से श्रोताओं को गुदगुदाया....

कैमूर टॉप न्यूज़,कैमूर: कैमूर जिला के दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत  कुल्डड़िया स्थित मां कुलेश्वरी महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार की शाम विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. कवि सम्मेलन में देश के अलग-अलग शहरों से आए कवियों ने  देर रात तक काव्य रस की वर्षा कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया.कार्यक्रम की शुरुआत मां कुलेश्वरी को नमन कर कवियों को सम्मानित कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया गया. इस कवि सम्मेलन का संचालन हास्य व्यंग्य के कवि शंकर कैमूरी ने अपने शानदार अंदाज मे किया. कवि सम्मेलन को सुनने के लिए देर रात तक दते रहे श्रोता. तत्पश्चात आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा कवियों को स्मृति चिन्ह भेट दे कर सम्मानित किया गया. इस दौरान उपस्थित क्षेत्रीय जनों ने कुलेश्वरी धाम के विकास के लिए क्षेत्रीय जनों को आगे आकर सहयोग करने की जरूरत बताया. और कहा कि आज मां कुलेश्वरी की सरजमी पर कवि पधारे हैं. देश के कवि अपने रचना के माध्यम से समाज को जोड़ने का काम करते हैं. रचनाकार किसी पार्टी या किसी जाति के नहीं होते हैं. बल्कि देश के लिए होते हैं.

 उसके बाद जैसे ही कवियों ने अपनी पंक्तियों को जनता के हवाले किया. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने तालियां बजाकर उनका अभिवादन एवं उत्साहवर्धन किया उसके बाद एक के बाद एक नामचीन कवियों ने अपनी बुलंदी बोली की रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया कवियों ने आतंकवाद के खिलाफ रचनाओं की खूब बौछार लगाई. और देश भक्ति गीतों से लोगों को ओतप्रोत किया. वहीं कवियों ने देशभक्ति गीतों के माध्यम से शमा बांधे रखा सर्वप्रथम मीरा तिवारी प्रतापगढ़ी ने विणा मधुर बजा दो मां दया करो हे मां कल्पानी देवी गीत की प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया वही शेषनाथ शरद ने देश भक्ति गीत व गजल गाकर माहौल में रंग भर दी कहां की एक दौलत के आगे हर ज्ञानी गुनी दौड़ है,मौन है मौसीफ हमारा, कानून भी मौन है, मर जाता है दूध का दूध और पानी का पानी जब पूछता है खूनी ही की खूनी कौन है कवियों ने प्रस्तुत कर अपनी कविताओं के माध्यम से समा बांध दिया वहां पर मौजूद हर किसी ने कवियों को जोरदार ढंग से तालियां बजाकर कवियों का उत्साह बढ़ाया. 





कार्यक्रम में कविताओं के बड़े-बड़े रचनाकार कवि मंचासीन थे जो कार्यक्रम को चार चांद लगा रहे थे कवियों ने एक से बढ़कर एक चुटकुले के साथ अपनी अगली कविताएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को हसने और तालियां बजाने के लिए मजबूर कर रहे थे.नामचीन कवि अहमद आज़मी ने कहा कि तिरंगा हम तेरी अजमत कभी घटने नहीं देंगे,कोई भी अंग हो भारत का कटने नहीं देंगे देश भक्ति गीत श्रृंगार रस की कविताओं से लोगों को काफी देर तक बांधे रखा. इसमें नामचीन कवि शेषनाथ शरद, मिथलेश गमहरी, शंकर कैमुरी, अहमद आज़मी,बादशाह प्रेमी साक्षी तिवारी सहित अन्य कवियों ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को हंसाकर लोटप्रोट कर दिया.






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