Header Ads

चुनाव स्पेशल: जानिए भभुआ विधानसभा सीट पर कौन-कौन से लोग किस पार्टी से टिकट के हैं दावेदार ..




कैमूर टॉप न्यूज़,भभुआ(कैमूर): बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है.चुनाव आयोग के द्वारा चुनाव की तारीख का घोषणा हो गया है.बिहार में पहले चरण का चुनाव कैमूर सहित कई जिला मे दुर्गा पूजा के बाद 28अक्टूबर  है और वहीं 7 नवम्बर तक मतदान की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी और 10 नवम्बर को रिजल्ट भी जारी कर दिया जाएगा.विधानसभा चुनाव का जिला के हर चौक चौराहे पर चढ़ने लगा है.चुनाव में अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों ने अभी से ही ताल ठोंकना शुरू कर दिया है.चुनाव में टिकट को लेकर दावेदार कोई कसर नहीं छोड रहे हैं.जो अभी विधायक हैं, क्षेत्र और पार्टी में उनकी छवि ही टिकट पाने का मुख्य आधार होगी.जो नए हैं और विधानसभा पहुंचने के लिए आतुर हैं, उनके लिए विभिन्न दलों में अलग-अलग प्रक्रिया है, लेकिन दावेदारों की बेचैनी ऐसी है कि बायोडाटा सभी दलों में जमा किए जा रहे हैं.भाजपा और जदयू में टिकट के दावेदार अलग-अलग स्तर पर बायोडाटा पहुंचा रहे हैं.भाजपा में जिलाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, डिप्टी सीएम कार्यालय और संगठन के शीर्ष स्तर पर आवेदकों की भीड़ है.हालांकि भाजपा और जदयू ने यह कहा तो है कि सिटिंग एमएलए का टिकट नहीं कटेगा लेकिन जब तक नाम की घोषणा नहीं हो जाति तब तक जीते हुए विधायक की भी सांस अटकी हुई हैं टिकट को लेकर.यह भी है कि भाजपा अपने विधायकों के साथ नीतीश कुमार के छवि को लेकर भी लगातार जनसंपर्क में है, और सरकार के खिलाफ रोष की मौजूदा स्थिति क्या है उसको जानने को कोशिश कर रही है.कांग्रेस में प्रत्याशी चयन की दो प्रक्रिया है. विधायकों और नए दावेदारों के लिए अलग-अलग.राजद में दावेदारों से आवेदन लेने की परंपरा शुरू से ही है. हर बार हजारों की संख्या में आवेदन आते हैं.इस बार भी भीड़ वहां खूब हो रही हैं.


*सबसे पहले भभुआ विधानसभा में कौन-कौन है टिकट पाने के  दावेदार*

भभुआ विधानसभा सीट की बात करें तो यहाँ राजद, भाजपा और बसपा से टिकट पाने के लिए कई दावेदार हैं.  इस बार लड़ाई काफी रोचक और कांटे की होगी. चुनाव से पहले हर कोई अपने अपने पार्टी में टिकट पाने लिए दम ख़म लगा रहा है.कुछ ऐसे नाम भी हैं जो अपनी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.उनके शामिल होने से ही भभुआ विधानसभा सीट का पूरा समीकरण बदल जा सकता है.


*राजनीतिक चर्चाओं में यह चर्चा है कि क्या डॉ प्रमोद सिंह चुनाव लड़ेंगे या नहीं?*

पूर्व विधायक प्रमोद सिंह से हुई बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि कैमूर जिला में जदयू की जिम्मेदारी मुझ पर है मैं पार्टी का जिलाध्यक्ष हूँ, इस जिम्मेदारी को आगे बढ़ाना है. वहीं टिकट संबंधी बात पर पूर्व विधायक ने कहा कि यह पार्टी और गठबंधन तय करेगा कि कौन लड़ेगा या किसको टिकट मिलेगा.
उन्होंने कहा कि फिलहाल पूरा राज्य कोरोना वायरस के वैश्विक संकट से लड़ रहा है.इस लड़ाई में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व लड़ाई लड़ी जा रही और कोरोना को भगाना है बिहार को बचाना है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सीएम नीतीश कुमार में प्रतिनिधित्व में बिहार और कैमूर के विकास को पूरा करना है.

*बसपा में कई दावेदार*


सोलहवीं विधानसभा चुनाव में भभुआ विधानसभा सीट पर बसपा काफी मजबूती से उभरी थी.भभुआ विधानसभा सीट से बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भरत बिंद चुनाव लड़े थें. भाजपा के आनंद भूषण पांडेय को जहां 50768 वोट मिले थें तो जदयू के प्रमोद कुमार सिंह को 43024 जबकि बसपा के प्रत्याशी भरत बिंद को 29983 वोट हासिल हुआ था.वैसे इस बार भभुआ विधानसभा सीट पर भभुआ नगर के पूर्व सभापति जैनेन्द्र आर्य उर्फ़ जॉनी आर्य भी बसपा से टिकट पाने के लिए ताल ठोक रहे है. सोशल मीडिया से लेकर जमीन पर भी जैनेन्द्र आर्य लगातार सक्रीय  हैं.वहीं विकास पटेल उर्फ़ लल्लू पटेल ने युवा जोश के बैनर तले बसपा से टिकट पाने के लिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं और एक चर्चा यह भी है कि नगर सभापति के पुत्र बब्लू तिवारी भी बसपा से टिकट पाने की कोशिश में लगे हुए हैं.बसपा से टिकट किसको मिलेगा यह कहना अभी मुश्किल है.इसका फैसला बसपा सुप्रीमो मायावती ही करेंगी.

*अब बात भभुआ विधानसभा सीट पर महागठबंधन की*


महागठबंधन में राजद कांग्रेस और रालोसपा तीनों भभुआ विधानसभा सीट के लिए दावेदारी कर रहे हैं.यदि भभुआ विधानसभा की सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी तो कांग्रेस से टिकट के प्रबल दावेदार शम्भू पटेल हैं .जिन्हें उपचुनाव में लगभग 50 हजार मत प्राप्त हुआ था.कांग्रेस में नंबर दो के दावेदार पूर्व विधायक स्व. विजयशंकर पांडे के पुत्र अशोक पांडे हैं इनके अलावा विनोद पांडे तथा अनिल तिवारी हैं.एक अनुमान यह भी है कि कांग्रेस से किसी ब्राह्मण को टिकट तभी मिलेगा, जब भाजपा से कोई ब्राह्मण उम्मीदवार न हो.भभुआ विधानसभा सीट पर रालोसपा से वीरेंद्र सिंह भी दावेदारी कर रहे हैं लेकिन रालोसपा के कोटे में भभुआ की सीट जाने की उम्मीद कम है.


*अब बात राजद की*


भभुआ विधानसभा की सीट जिला मुख्यालय की सीट है ,और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद इस सीट को अपने पार्टी के खाते में रखने की पूरी कोशिश कर रहे है  ताकि पार्टी का वर्चस्व पूरे जिला में रहे.राजद से टिकट की दावेदारी की बात करें तो यहां कांग्रेस की तरह मारा मारी नहीं है. जगदानंद सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में ज्यादा अनुशासन है।यदि भभुआ विधानसभा की सीट राजद के कोटे में आती है तो यहां से भभुआ के पूर्व विधायक स्व. रामलाल सिंह के पुत्र अरुण कुमार सिंह उर्फ मिलन सिंह हो सकते हैं. राजद भभुआ विधानसभा सीट जितने के लिए पुराने समीकरण पर चलेगा. अरुण कुमार सिंह उर्फ मिलन सिंह के लड़ने से यादव मुस्लिम के अलावा 22 हजार कुशवाहा मत जुड़ जाएगा जिससे इस सीट पर राजद की लड़ाई मजबूत हो जाएगी.चुनाव विशेषज्ञ बताते हैं कि राजद को भभुआ विधानसभा की सीट पर जातिगत समीकरण के अनुसार दो बड़ी वर्चस्व वाली जातियों से दूसरी पार्टियों से उम्मीदवार हो जाने पर अन्य पार्टियां उसी जाति के उम्मीदवार को टिकट देने से कतराती है.इस अनुमान के तहत, उपचुनाव में कांग्रेस से शम्भू पटेल को टिकट मिला था. लेकिन वे जीत नहीं पाएं इसलिए जातिगत राजनीतिक समीकरण के तहत यह सीट किसी नए समीकरण के अनुसार राजद तय करने के फिराक में हैं. राजद की ओर से कुशवाहा जाति से आनेवाले अरुण सिंह उर्फ मिलन सिंह भी अपनी दावेदारी नए राजनीतिक समीकरण के तहत कर रहे हैं.आपको बता दें जब राम लाल सिंह सीपीआई से चुनाव जीतेते थें तो उन्हें राजद का समर्थन था और उस समय में भी उन्हें मुस्लिम,यादव,दलित कुशवाहा के अलावा अन्य जातियों का वोट मिलता था.स्व. रामलाल सिंह के नाम भभुआ विधानसभा की सीट को सबसे ज्यादा मतों के अंतर से जितने का रिकॉर्ड है.अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में भभुआ विधानसभा की सीट से किसको टिकट मिलता है और कौन जीतता है.


No comments