कोरोना काल पर भारी पड़ा आस्था का पर्व...
कैमूर टॉप न्यूज़,भभुआ (कैमूर): लाख पाबंदिया होने के बाद कोरोना पर आस्था का पर्व जिउतिया भारी पड़ गया. जहां हजारों की संख्या में पहुंच कर महिलाओं ने पोखर तथा तालाब में जाकर स्नान किया तथा अपने पुत्रों की लंबी उम्र के लिए जिउतिया का कठिन व्रत रखा. गुरूवार की अहले सुबह पानी पीने तथा सरगही खाने के बाद 24 घंटा बिना अन्न जल के महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा. इस दौरान उन्होंने दिन में दो बजे से शाम छह बजे तक जिले के जलाशयों पर पहुंच कर स्नान किया.
भभुआ के राजेंद्र सरोवर, सुअरा नदी के अलावा अन्य तालाब में स्नान करने के बाद वहां पर महिलाओं ने पौराणिक के मान्यताओं पर आधारित चिल्हो- सियारो की कथा भी सुनी. जिले के विभिन्न गांवों की महिलाओं ने ट्रैक्टर, ऑटो के अलावा अन्य निजी वाहनों से जलाशयों पर जाकर स्नान किया. वहीं इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने गांव के बगल में स्थित तालाब में जाकर पूजा पाठ किया. स्नान के बाद महिलाओं ने जिउतिया का पूजा किया.
जिले के रामपुर प्रखंड में स्थित दुर्गावती जलाशय में स्नान करने के लिए भीड़ काफी अधिक हुई. जलाशय पर बने पुल पर वाहनों की भरमार से पुल पूरी तरह जाम हो गया. वहीं जलाशय में महिलाओं की भीड़ से पैर रखने तक की जगह नहीं बची. इसी तरह अन्य जलाशयों पर भी महिलाओं की भीड़ काफी अधिक हुई.
बता दें कि जीवित्पुत्रिका व्रत को जिउतिया या जीमूत वाहन का व्रत आदि नामों से जाना जाता है. इस दिन माताएं विशेषकर पुत्रों के दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं. जीवित्पुत्रिका व्रत निर्जला रहा जाता है. वहीं शुक्रवार की सुबह सूर्योदय के बाद से दोपहर 12 बजे तक पारण करेंगी. मान्यता के मुताबिक उनको दोपहर से पूर्व पारण कर लेना चाहिए.



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