शोभा की वस्तु बना रेफरल अस्पताल में बना प्याऊ ..
कैमूर टॉप न्यूज़, रामगढ़(कैमूर): स्थानीय रेफरल अस्पताल में लगभग 2 माह पूर्व बना प्याऊ आज शोभा की वस्तु बना हुआ है.आप को बताते चलें कि योजना एवं विकास विभाग द्वारा स्थानीय रेफरल अस्पताल में प्याऊ का निर्माण 5 लाख 5 हजार रुपए खर्च कर किया. मगर महज कुछ दिन चलने के बाद आज शोभा की वस्तु बना हुआ है.जबकि क्षेत्र से आने वाले मरीजों एवं उनके अभिभावक के लिए अस्पताल के बाहर नौ नल लगाकर प्याऊ बनाया गया था. हालांकि, आज एक नल से भी से पानी निकल नहीं पा रहा है. साथ ही आज नौ के नौ नल आज विखंडित के रूप में दिख रहेे हैं. जब यह बनकर तैयार हुआ था तब क्षेत्र से आने वाले मरीज व उनके अभिभावकों में काफी खुशी दिख रही थी कि अब शुद्ध पानी आसानी से पीने को मिलेगा, पर आज टूटे हुए नल लापरवाही की दास्तान बयां कर रहा है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने और हर बिहार वासी को शुद्ध जल देने का वादा किया गया था.इसी को लेकर योजना एवं विकास विभाग द्वारा प्याऊ का निर्माण उक्त जगह पर कराया गया था.जिसकी उद्घाटन वर्तमान विधायक अशोक कुमार सिंह द्वारा किया गया था.जो महज कुछ दिनों में ही अपनी अस्तित्व खोती हुई नजर आ रही है .वही इस प्याऊ को देख क्षेत्र लोगों में अनियमितता की तरह तरह की चर्चाएं होनी लगी है.
क्या कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता:
इस संबंध में पूर्व जिला परिषद सदस्य व सामाजिक कार्यकर्ता मुनेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार की है जो प्याऊ का निर्माण घटिया सामान का उपयोग किया गया है. जो आज महज दिनों के अंदर ही खराब होना एक बहुत बड़ा अनियमितता का पोल खोल रहा है.
क्या कहते हैं राजनीतिक लोग:
इस संबंध में भाकपा माले के सचिव विनोद चौरसिया ने कहा कि जिस हॉस्पिटल में मरीजों को दवा के लिए शुद्ध पानी का व्यवस्था ना हो द्वारा उस सरकार को क्या कहें .जबकि सुशासन बाबू की सरकार हर गांव की हर क्षेत्र की लोगों को शुद्ध पानी देने की वादा किया गया था, जबकि आज स्थानीय रेफरल अस्पताल में क्षेत्र के मरीजों को एवं अभिभावकों को कंठ जिला करने के लिए पानी भी नहीं है.जब प्रखंड मुख्यालय में यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हाल होगा.
क्या कहते हैं स्थानीय रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी:
जिम्मेदार पदाधिकारी भी कैसे अपने कर्तव्य से मुंह मोड़ते हैं इसका उदाहरण तब देखने को मिला जब इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र सिंह ने कहा कि इस बारे में हम कुछ नहीं कर सकते हैं.
ऐसे में यह सवाल गंभीर है कि आखिर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए कौन काम करेगा? विधानसभा चुनाव सामने हैं जिसके कारण यह सवाल और भी महत्वपूर्ण हो जा रहा है.



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