कैमूर के दरौली जलाशय और कृष्ण मृग से बदलेगी रामगढ़ के नुआंव इलाके की तस्वीर ..
कैमूर टॉप न्यूज़, रामगढ़ : स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन व उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने दरौली जलाशय को लेकर बड़ी पहल की है.
उनकी पहल पर विशेषज्ञों ने जलाशय का निरीक्षण कर कई महत्वपूर्ण डाटा संग्रहित किए हैं. रामगढ प्रखंड के दरौली के इस जलाशय का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक, पक्षीविद, वनस्पति विशेषज्ञ और आर्द्रभूमि विशेषज्ञ के दल ने यहाँ पहुँच कर अध्ययन कर सारी संभावनाओं को तलाश किया है। यह जलाशय पूरे पुराने शाहाबाद जिसमें अब के बक्सर, कैमूर, रोहतास और आरा जिले शामिल हैं, उनमें सबसे पुराना और बड़ा है. यहाँ चार प्रजातियों के प्रवासी पक्षी दिखे हैं, जिनमें मैल, चैता, सरार (टीका) और पेड़ों पर फुदकती रेड ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर शामिल हैं.
इस दल ने यहाँ गुप्तकालीन देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी देखीं जिनका अति पुरातात्विक महत्व है. भगवान श्री राम की शिक्षास्थली महर्षि विश्वामित्र की छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध भूमि बक्सर से जुड़े इस क्षेत्र में कुलांचे मारते बड़ी संख्या में कृष्ण मृग भी देखा जा सकता है. वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया के वैज्ञानिक अनुराग बनर्जी और अनिमेष कार और देश के जाने माने पक्षी वैज्ञानिक अरविन्द मिश्रा के साथ वनस्पति विशेषज्ञ डॉ०नरेश पंडित और नेचर फोटोग्राफर ऋषि वर्मा ने बारीकी से इस जगह का निरीक्षण किया है. केंद्रीय राज्य मंत्री श्री चौबे ने बताया कि भारत सरकार पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है. वेटलैंड्स पर्यावरण को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है. कैमूर और बक्सर जिले में जो वेटलैंड हैं. उन्हें पर्यटन के स्थल पर लाने का लक्ष्य है। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.


Post a Comment