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कैमूर में भारतमाला एक्सप्रेस-वे कार्य में रोड़ा अटकाना अब पड़ेगा भारी, प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी

“भारत माला एक्सप्रेस-वे निर्माण हेतु अधिग्रहित भूमि पर राजस्व टीम द्वारा पैमाइश कार्य करते अधिकारी और किसान।”

कैमूर टॉप न्यूज,
भभुआ:
कैमूर जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि भारतमाला (वाराणसी–कोलकाता ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेस-वे) परियोजना में अवरोध उत्पन्न करना अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि कार्यस्थल पर भीड़ इकट्ठा कर विरोध या धरना देने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा रही है। कई मामलों में शांति भंग की आशंका को देखते हुए दंडात्मक कार्रवाई कर दोषियों को बॉन्ड पर मुक्त भी किया गया है।

प्रशासन ने बताया कि उत्तर प्रदेश खंड में निर्माण कार्य काफी आगे बढ़ चुका है, जबकि कैमूर जिले के भभुआ, चैनपुर, बिरना और करवंडिया क्षेत्र में कार्य प्रगतिशील है। चैनपुर अंचल के सिरोहा मौजा में कुछ भू-स्वामियों के अनावश्यक विरोध पर प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। खास बात यह है कि कई ऐसे लोग भी विरोध में शामिल पाए गए जिन्हें पहले ही मुआवजा मिल चुका है।
भारतमाला परियोजना के लिए खेतों की नापी–जांच करती राजस्व टीम, मौजूद किसान।”


जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने कहा कि आर्बिट्रेटर सह आयुक्त न्यायालय के आदेश के आलोक में पात्र भूधारियों को दोगुना मुआवजा दिया जा रहा है। इसके लिए अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मियों ने कई बार घर-घर जाकर आवेदन देने की अपील की है और मौजेवार कैंपों में एलपीसी व वंशावली निर्गत कराई गई है। बावजूद इसके कुछ तथाकथित लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं कि मुआवजा और बढ़ेगा, जबकि आर्बिट्रेशन के बाद ऐसी कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि 3D अधिसूचना के उपरांत भूमि राज्य के स्वामित्व में आ चुकी है और कई खाता–खेसरा का म्यूटेशन NHAI के नाम पर हो चुका है। ऐसे में अधिग्रहित भूमि पर फसल लगाना या खेती करना नियम-विरुद्ध है। पिछले चार महीनों से लगातार माइकिंग, प्रेस विज्ञप्ति और जन-सूचना के माध्यम से किसानों को चेताया गया है।

अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा, “उचित मांगों के समाधान के लिए न्यायालय का रास्ता खुला है, किंतु कार्यस्थल पर कानून हाथ में लेना आपराधिक कृत्य है। दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी।”

जिला प्रशासन ने जनता से अपील की है कि सभी भूधारी आवश्यक कागजात (LPC, वंशावली, बैंक विवरण) जमा कर जल्द से जल्द मुआवजा प्राप्त करें और किसी भी भ्रामक सूचना या उकसावे में न आएँ। प्रशासन ने साफ किया कि “एक सड़क–एक मुआवजा” जैसी कोई व्यवस्था नहीं है, बल्कि मुआवजा सर्किल रेट और विधिक प्रावधानों के अनुसार ही दिया जाएगा।

- रिपोर्ट:- अभिषेक राज








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